गोंडा की राजनीति में पंडितों को मरना और दलितों का शोषण ही लिखा है ....


पहले उ.प्र. के मंत्री रहे घनश्याम शुक्ला की हत्या, फिर राजनीति से छोटे स्तर पर जुड़े पंडितों की हत्या और अब एक और पंडित की भरी सभा में गोली मारकर हत्या. यह आग सालों से जल रही है.... गोंडा में पंडित और ठाकुर आपस में एक दुसरे की हत्या कर या करवा कर राजनीति की सीढ़ी चढ़ने का खेल, खेल रही है .... खासकर गोंडा में पंडित बनाम ठाकुर लड़ रहे है, पिस रहे हैं दलित. इसमे नुक्सान पंडितों क हो रहा है ... दलितों का शोषण किया जा रहा है .... यह लड़ाई कब ख़तम होगी, कुछ कहा नहीं जा सकता. इसी लड़ाई के कारण गोंडा आज भी कई साल पीछे है, जबकि पडोसी जिले कहीं ज्यादा विकसित हो चुके हैं ...
खबर यह है की ......
यूपी के गोंडा में अंबेडकर जयंती समारोह के अवसर आयोजित हो रही एक रैली के दौरान बहुजन समाज पार्टी के नेता की हत्या कर दी गई है। नेता का नाम हनुमान शरण शुक्ला है। घटना के समय वह मंच पर मौजूद थे।
केन्द्र सरकार की खिलाफत में पूरे जिले से जुटे बसपाइयों को बलिया से आए मुख्य अतिथि एवं जोनल कोआर्डीनेटर छट्ठ राम सम्बोधित कर रहे थे। तभी मंच की दाहिनी ओर से एक युवक दबे पांव आया और एक किनारे बैठे पार्टी नेता और जिला पंचायत सदस्य मंजू देवी शुक्ला के पति हनुमानशरण शुक्ल के सिर में सटाकर बारह बोर के तमंचे से एक गोली उतार दी। हत्यारा मौके से फरार हो गया। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल पहुँचाया गया जहाँ डॉक्टरों ने बसपा नेता को मृत घोषित कर दिया।

2 comments:

Jandunia said...

किसी भी स्तर पर हिंसा उचित नहीं है। ये यूपी का दुर्भाग्य है कि उसकी राजनीति में हिंसा घुस गई है।

संगीता पुरी said...

लोग इतने स्‍वार्थी क्‍यूं होते जा रहे हैं !!

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