हम भी कभी इश्क किया करते थे


जब उसकी धुन में जिया करते करते थे,
हम भी चुपचाप पिया करते थे,
आँखों में प्यास हुआ करती थी,
दिल में तूफान उठा करते थे,
लोग आते थे हमसे गजल सुनने,
हम उनकी बातें किया करते थे,
सच समझते थे उनके वादों को,
दिन रात उसकी यादो में जिया करते थे,
सपनो में उससे मिलकर,
दिल में फूल खिला करते थे,
घर की दीवार सजाने की खातिर,
हम उसका नाम लिखा करते थे,
आज उन्हें देखकर फिर याद आया,
हम भी कभी इश्क किया करते थे.
हम भी कभी इश्क किया करते थे.

3 comments:

Udan Tashtari said...

वाह! क्या बात है. बेहतरीन!

परमजीत सिहँ बाली said...

bahut baDhiyaa!!

Unknown said...

thanx

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