गल रोटियां दी जदों चलाइए, खाण नूं बारूद मिलदा


बंतसिंह एक ऐसा नाम, जिसके कंठ से गीत फूटते ही सुनने वाले के तन मन में सिहरन सी दौड़ जाती है। कुहनियों से काट दिए गए हाथों और घुटनों से नीचे तोड़ दिए गए पांवों वाला एक कद्दावर इंसान। गंभीर चेहरा और दमदार आवाज। अत्याचारियों को नेस्तनाबूद कर देने का आह्वान। बंतसिंह कहते हैं कि दुश्मनों ने हाथ-पांव ही तो काटे हैं, मेरा हौसला थोड़े ही खत्म किया है। मेरी जुल्म से लडऩे की ताकत तो दुबारा से अंकुरित होकर लहलहा रही है।
बंतसिंह जहां भी जाते हैं, ऊंची आवाज में हेक लगाते हैं -असीं जड़ ना जुल्म दी छड्डणी, साडी भावेंं जड़ ना रहे। लोक वे मरजाण ओ चंदिरियां मांवां जिनां ने समराज जम्मेआ। गल रोटियां दी जदों चलाइए, खाण नूं बारूद मिलदा। यानी हम जुल्म की जड़ को मिटाकर ही दम लेंगे। भले ही हमारी अपनी जड़ क्यों न मिट जाए। वे मांएं इस धरती पर क्या कर रही हैं, जिन्होंने अत्याचारियों को जन्म दिया है। हम जब भी कुछ खाने को मांगते हैं, वे हमारी थाली में रोटी देने के बजाय बारूद परोस देते हैं।
पंजाब के मानसा जिले के गांव चब्बर में मनिहार का काम करने वाले बंतसिंह गांव-गांव में घूमते और जातिवाद के खिलाफ आवाज उठाते। निर्धन, पीडि़त और दलितों में आत्मसम्मान का भाव जगाते।

1 comment:

Nicole Angela said...

Today girls are educated, offer villages, but want to study near the city, which needs to go for job test to school. Girls who run school for girls and education are very important job test for those living in the rural areas, because each is the highest entry rate. The purpose of NTS Pakistan and job test of life is poverty, food, home cleaning, education with people, particularly education of girls, especially income, because it is one of the main reasons. will be done Especially, in rural areas and girls, schools, boys and girls should learn the importance of education for children, and it has been a few hours to get job test. To transfer this direction, public and private educational institutions, as well as long-term and education, write our economy can not read and work completely, bit a bit.

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