पैसा जिवें नचाई जांदा, दुनिया नच्ची जांदी ऐ....

एह दुनिया पुत्तर पैसे दी, आंखी गल्ल सच्ची जांदी ।
पैसा जिवें नचाई जांदा, दुनिया नच्ची जांदी ऐ ।
गुरपाल सिंह पल यह पंक्ति बिल्कुल फिट है ... उन लोगों के लिए जिनके लिए पैसा से बड़ा कुछ नही ही । इसे गुरपाल सिंह ने दूरदर्शन के जश्न सुनहरी कार्यक्रम में सुनाये । दूरदर्शन केन्द्र जालंधर में पूरण शाह कोटी, बरकत सिधु, कमल हीर, मनमोहन वारिस और हेमराज शर्मा और जतिंदर कौर ने लाइव शो में जलवे बिखेरे । पुराने कलाकारों ने जो शमां बाँधा उसे नही भुलाया जा सकता है ।

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