काजू भुनी प्लेट में, विहस्की गिलास में । उतरा है रामराज विधायक निवास में...
मेरी रूह विच्च मेरा यार वसदा,
मेरी आँख विच्च उसदा दीदार वसदा,
मैनू अपने दर्दा दी परवाह नहीं,
पर रब्ब करे हर वक्त रहे मेरा यार हसदा ....
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