प्रिंसिपल ऋचा बावा के घर से 36 लाख रुपए नकद मिले (सोमवार, 7 जनवरी )

मोबाइल से निकले उद्योगपतियों, नेताओं और छात्राओं के नंबर
प्रिंसीपल ऋचा बावा के घर में सर्च कर रही पुलिस को करीब 36 लाख रुपए मिले हैं । इतनी मोटी रकम देखकर जांच दल भी हैरान है । एसएसपी अर्पित शुक्ला, एसपी (डी) परमवीर सिंह परमार और एसपी सिटी वन सुरिंदर कुमार कालिया के नेतृत्व में पुलिस दल सुबह से ही प्रिंसीपल के घर में कातिलों का सुराग लगाने के लिए सर्च कर रहा था । इस दौरान प्रिंसीपल के बैडरूम से दो सूटकेस मिले हैं । पुलिस ने प्रिंसीपल के घर से करीब 36 लाख से ज्यादा रकम बरामद की है । प्रिंसीपल के घर से कुछ सीडीज मिली हैं, जिन्हें पुलिस चलाकर देख रही है। हालाकिं इतनी मोटी रकम मिलने की कोई भी अधिकारी पुष्टि नहीं कर रहा । एसएसपी अर्पित शुक्ला का कहना है कि वे मंगलवार को घर से मिले सामान बारे जानकारी देंगे ।

कहां से आई इतनी मोटी रकम
प्रिंसीपल के घर से इतनी मोटी रकम मिलने के बाद अब यह सवाल पैदा हो गया है कि आखिरकार यह रकम कहां से आई थी । पुलिस प्रिंसीपल के परिजनों को भी तलब करेगी । पुलिस यह भी जांच करेगी कि इतनी मोटी रकम उन्होंने कैसे और किस माध्यम से कमाई थी ।
घर से मिले और सुराग
पुलिस ने सोमवार को प्रिंसीपल के घर की सर्च की । देर शाम तक एसपी रैंक के अधिकारी प्रिंसीपल के घर में रखे दस्तावेज खंगाल रही थी । इस दौरान पुलिस को तीसरा खून से सना दस्ताना मिला है । पुलिस के हाथ कुछ सुराग लगे हैं, जिससे कातिल की गर्दन तक पंहुचना आसान होगा । जबकि रसोई में काटे गए करेले और ब्रैड मिली है ।

पुलिस खंगालेगी बैंक खाते
प्रिंसीपल के घर से इतनी मोटी रकम मिलने के बाद जांच टीम अब प्रिंसीपल ऋचा बावा के बैंक खाते भी खंगाले । पुलिस प्रिंसीपल के परिजनों से यह भी जानकारी जुटा रही है उनके कहां-कहां खाते और लॉकर हैं । जाँच में जुटी पुलिस ने मोबाइल लिस्ट को खंगालना शुरू कर दिया है । लिस्ट लंबी है, इसमें लैक्चरर्स, छात्राओं, उद्योगपतियों और राजनीति में अच्छी पैठ रखने वाले लोगों के नंबर हैं । मामला शहर के रसूखदार लोगों से जुड़ा होने के कारण पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे हैं । पुलिस ने लिस्ट में मिले नंबर पर फोन किए तो पहला फोन छात्रा ने उठाया। पुलिस जांच करेगी कि वह कौन-सी छात्राएं हैं, जो मैडम के करीब थीं और उनके निजी मोबाइल पर फोन करती थीं । गोरतलब है कि प्रिंसीपल के सख्त रवैये से छात्राएं थरथर कांपती थीं। यह सवाल पैदा होता है कि प्रिंसीपल से छात्राएं कौन-सी ऐसी बात करती थीं, जो दफ्तर या घर में नहीं हो सकती थी। कुछ कालें रात में आती थीं। पुलिस मामले में जमीन विवाद को भी जोड़ कर देख रही है। पुलिस ने सोमवार को कुछ लोग पूछताछ के लिए हिरासत में लिए हैं, जो कालेज से जुड़े हैं।लंबी बात करता था उद्योगपति प्रिंसीपल के मोबाइल लिस्ट में कुछ ऐसे नंबर भी हैं, जिन पर दिन-रात लंबी बातचीत होती थी। इसमें एक उद्योग पति का भी नंबर निकला है । उद्योगपति प्रिंसीपल से करीब पौना-पौना घंटा फोन पर बात करता था। पुलिस ने मंगलवार को पूछताछ के लिए कुछ लोग तलब किए हैं ।

रात को आती थी लग्जरी गाड़ी
केऍमवी के बाहर कई बार रात के समय लग्जरी गाड़ी खड़ी रहती थी । इस बात का खुलासा एक व्यक्ति ने नाम न बताने की शर्त पर किया है। पुलिस जांच में ऋचा बावा के फैमली फ्रैंड्स और करीबी लोगों को तलब करेगी ।
अतिंम बार प्रिंसीपल बावा ने जिस शक्स से बात की थी वह पंजाब राज्य बिजली बोर्ड का पूर्व उच्च अधिकारी है । वह अक्सर रात लग्जरी कार में कालेज आया करता था । पुलिस ने उसे भी पूछताछ के लिए मंगलवार को बुलाया है ।
रसोइए किशोर के कमरे से दो मोबाइल मिले हैं । एक उसका है जबकि दूसरा कालेज में पढ़ती छात्रा का है । अपने मोबाइल से किशोर ने कई बार अपनी पत्नी से बात की थी । कालेज के सूत्र बताते हैं कि प्रिंसीपल ने छात्रा का मोबाइल उस समय कब्जे में ले लिया था जब वह दोआबा कालेज के अपने प्रेमी से फोन से बात कर रही थी । अब यह पहेली बनी हुई कि छात्रा को मोबाइल किशोर के पास कैसे आ गया ।
शेष अभी बाकी है .......
महाबीर सेठ - जालंधर

केएमवी की प्रिंसीपल का कत्ल (पहली ख़बर 6JANUARY 2008)

जालंधर में दिल दहला देने वाली वारदात
जालंधर में शनिवार देर रात हुई एक दिल दहला देने वाली वारदात में टांडा रोड स्थित कन्या महाविद्यालय (केएमवी) में अज्ञात हत्यारों ने प्रिंसीपल समेत चार लोगों की गला रेत कर हत्या कर दी। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर डा। ऋचा बावा, रसोइए किशोर मंडल, चौकीदार शम्सुद्दीन और तरसेम के शवों का पोस्टमार्टम करवाया। देर शाम डा। बावा और चौकीदार तरसेम का संस्कार कर दिया गया । पुलिस का मानना है कि ऋचा बावा के पास कोई सीक्रेट डॉक्यूमैंट अथवा सीडी या कुछ ऐसा था जो हत्यारों के खिलाफ था। हत्त्यारों ने किसी दस्तावेज या सीडी में कैद राज को दबाने के लिए हत्याएं की हैं। तेजधार हथियारों से लैस हत्यारों ने डा। बावा और तरसेम को गर्दन पर एक ही वार कर मौत के घाट उतार दिया। किशोर और शमसुद्दीन की गर्दन के अलावा चेहरों पर गहरे घाव के निशान मिले हैं। एक साजिश के तहत आए कातिलों ने कॉलेज में बने प्रिंसीपल के घर में रखे करीब तोले सोने के गहने और करीब सत्तर हजार रुपयों को छुआ तक नहीं। सुबह करीब साढ़े छह बजे सफाई कर्मचारी संतोष कॉलेज में बने प्रिंसीपल बावा के घर की सफाई करने गई थी। सामान बिखरा देख वह शोर मचाती बाहर आ गई । संतोष, प्रिंसीपल के ड्राइवर जयसिंह ने कोठी के पिछवाड़े किशोर मंडल, शम्सुद्दीन और तरसेम के खून से सने शव देखकर संस्कृत केएमवी कालेज की प्रिंसीपल निशा रानी भार्गव को सूचना दी। निशा और होस्टल वार्डन परमजीत कौर कमरे में गई तो मैडम का शव भी अंदर खून से सना हुआ पड़ा । ऐसा माना जा रहा कि डा। बावा की हत्या करने के बाद आरोपी घर से बाहर आए तो उनके हाथ खून से रंगे हुए थे। चौकीदार शम्सुद्दीन को आरोपियों ने घर के पिछवाड़े घेर कर मारा। शोर सुनकर रसोइया किशोर मंडल और तरसेम आए तो उन्हें भी ठिकाने लगा दिया गया । हालाकिं किशोर ने हत्यारों का मुकाबला करने की कोशिश की होगी , क्योकिं सब्जी काटने वाला चाकू उसकी लाश के पास पड़ा था। तरसेम की लाश पास ही दस फीट गहरे खड्ढे में पड़ी थी। शम्सुद्दीन के शव के पास खून से सना दस्ताना भी पड़ा था।हत्यारे सिर्फ मोबाइल ले गए ।प्रिंसीपल के घर से कातिल केवल उनका व्यक्तिगत मोबाइल फोन ही ले गए हैं, जबकि दूसरा घर में ही स्विच ऑफ था। पुलिस जांच कर रही है कि आखिर मोबाइल फोन में ऐसा क्या था, जो हत्यारे उसे साथ ले गए हैं। प्रिंसीपल के मोबाइल में ही उसके परिचितों के नंबर थे। शहर का एक रबड़ उधोगपतियों और कुछ अन्य रसूखदार लोग भी प्रिंसीपल के करीबी थे। पुलिस अधिकारी देर रात तक मोबाइल की एक माह की इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल्स की लिस्ट खंगाल रहे थे। संभावना है कि जल्द ही इस लिस्ट की मदद से कत्ल की इस वारदात के सुराग मिल जाएगा ।
पुलिस को उलझा रहे ये सवाल
मैडम के मोबाइल में क्या था ?
किस चीज की तलाश में खंगाल मारा हत्यारों ने घर ?
मैडम के करीबी लोगों की नहीं होती थी रजिस्टर में एंट्री ?
रात में ही क्यों लगती थी चौकीदार शम्सुद्दीन की ड्यूटी ?
परिचित थे हत्यारे!
एसएसपी अर्पित शुक्ला ने बताया कि प्राथमिक जांच कहती है कि आरोपी प्रिंसीपल के परिचित थे। हत्या लूट के उद्देश्य से नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश के तहत की गई है। दिन में भी कॉलेज में जाने के लिए बाकायदा अनुमति लेनी पड़ती है। इसलिए तय है कि देर रात कॉलेज में आने वाले लोग प्रिंसीपल के परिचित ही रहे होंगे ।
खबरें बहुत हैं ....
आप पढ़े और पंजाब पुलिस को बताएं की माजरा क्या है
क्रमशा : -
महाबीर सेठ

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