तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 3-0 से जीत दर्ज करने के बेहद करीब पहुंच चुकी है। महाराष्ट्र में वह बहुमत के करीब है, जहां उसके सरकार बनाने की राह में कोई रोड़ा नहीं है जबकि हरियाणा में वह सबसे बड़े राजनीतिक दल के रूप में उभरी है लेकिन बहुमत के लिए आवश्यक जादुई आंकड़े से वह पांच सीट पीछे रह गई है। अरूणाचल प्रदेश में उसने विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया है।निर्वाचन आयोग से मिले ताजा आंकड़ों के मुताबिक महाराष्ट्र में कांग्रेस-राष्ट्रवादी गठबंधन (राकांपा) 101 सीटों पर जीत चुका है और 42 सीटों पर उसने बढ़त बनाई हुई है जबकि भाजपा-शिव सेना गठबंधन 63 सीटें जीत चुका है और उसने 29 सीटों पर बढ़त बना रखी है।इसके मुताबिक कांग्रेस-राकांपा गठबंधन को 143 और भाजपा-शिवसेना गठबंधन को 92 सीटें मिलने के आसार हैं। राज्य में विधानसभा की कुल 288 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 145 के जादुई आंकडें़ की जरूरत है।भाजपा और शिव सेना गठबंधन ने अपनी हार स्वीकार कर ली है। भाजपा और शिव सेना नेताओं ने राज्य में गठबंधन की हार के लिए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) को जिम्मेदार ठहराया है।भाजपा ने चुनाव परिणामों को अपेक्षा के विपरीत बताया है। उधर, हरियाणा में कांग्रेस बहुमत के जादुई आंकड़े से पांच सीट पीछे रह गई है। यदि कांग्रेस यहां सरकार बनाने में सफल रहती है तो यह राज्य के इतिहास में पहला मौका होगा जब किसी सत्ताधारी दल की चुनावों के बाद दोबारा ताजपोशी होगी।निर्वाचन आयोग से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस ने 39 सीटें जीत ली है और एक सीट पर वह बढ़त बनाए हुए है जबकि प्रमुख विपक्षी दल इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) ने 30 सीटोंचुनाव जीता है और एक पर बढ़त बना रखी है। वर्ष 2005 में इनेलो ने केवल नौ सीटों पर जीत दर्ज की थी।हरियाणा जनहित कांग्रेस छह सीटें, भाजपा चार सीटें जीतने में सफल रही है। शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने एक-एक सीट पर कब्जा जमाया है। अन्य सात सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की । "अरूणाचल प्रदेश में कांग्रेस ने सभी विपक्षी दलों का सूपड़ा साफ कर दिया है। अब तक आए नतीजों के मुताबिक वह 33 सीटें जीत चुकी है जबकि पांच पर उसने बढ़त बना रखी है। यहां के प्रमुख विपक्षी दलों में राकांपा और तृणमूल कांग्रेस ने पांच-पांच सीटें जीती है जबकि दोनों दल एक-एक सीट पर बढ़त बनाए हुए हैं।मुख्यमंत्री दोरजी खांडू सहित कांग्रेस के तीन उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके हैं। शेष 57 सीटों के लिए 13 अक्टूबर को मतदान हुआ था। इसमें 750,000 मतदाताओं में से 72 फीसदी ने मतदान किया था।