प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विस्फोट आरती स्थल से लगभग 20 मीटर दूरी पर हुआ। उस दौरान आरती देखने के लिए मौके पर हजारों लोग जमा थे। विस्फोट की चपेट में आने से आधा दर्जन वहीं लहूलुहान होकर गिर पड़े, जबकि दो दर्जन लोगों को गहरी चोट आयी। घाट समेत आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गयी।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार बम दूध के कंटेनर में रखा गया था। छह दिसंबर के अगले दिन हुए इस धमाके को पूर्व नियोजित माना जा रहा है। अयोध्या के विवादित ढांचा ध्वंस की बरसी का दिन सुकून से गुजरा था। पुलिस फोर्स थोड़ा बेफिक्र थी। इसका फायदा भी आतंकियों ने उठाया। पुलिस का अनुमान है कि बम को टाइमर सिस्टम से कंट्रोल किया गया था। इसमें आईईडी या आरडीएक्स के प्रयोग की संभावना को भी पुलिस खंगाल रही है। फिलहाल पूरे इलाके को अर्द्ध सैनिक बलों के हवाले करने के बाद सील कर दिया गया है।
सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी मौके पहुंच गये। घायलों में इटली निवासी 52 वर्षीय मनतरली व सुल्तानपुर निवासी जरायू को कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल पहुंचाया गया। शेष घायलों को विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया। इनमें टेढ़ी नीम निवासी एक वर्षीय बच्ची बेबी भी शामिल थी। उसकी नानी उसे लेकर गंगा आरती देखने गयी थी। इसी दौरान विस्फोट की जद में आकर बेबी घायल हो गयी। उपचार के लिए उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। उसकी 45 वर्षीय नानी उर्मिला भी गंभीर रूप से घायल है।
इस संबंध में सूचनाओं की जानकारी के लिए प्रशासनिक हेल्पलाइन नंबर है 05422502626, 0542100।
उधर, प्रतिबंधित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने विभिन्न मीडिया प्रतिष्ठानों को ईमेल भेजकर वाराणसी बम विस्फोट की जिम्मेदारी ली। यह ईमेल मुंबई के मलाड से भेजा गया।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पांच पृष्ठ के इस ई-मेल पर अल अरबी के हस्ताक्षर हैं जिसका इंटरनेट प्रोटोकाल पता मुंबई के उपनगरीय इलाके मलाड में निकला और पुलिस की टीमें तत्काल वहां पहुंचीं। इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी विस्फोटों के चंद मिनट के भीतर ई-मेल भेजने के लिए वाईफाई के कनेक्शनों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि वाराणसी विस्फोट की जिम्मेदारी लेने के लिए इंडियन मुजाहिदीन द्वारा कथित तौर पर भेजे गए ईमेल की विश्वसनीयता की जांच की जा रही है। चिदंबरम ने कहा, वाराणसी में विस्फोट भटके हुए समूह द्वारा शांति और भाईचारे को बाधित करने की कोशिश है।
यह आतंकी हमला है : एडीजी
यूपी पुलिस को वाराणसी में हुए बम धमाके के पीछे आतंकवादियों का हाथ होने का संदेह है। सबसे ज्यादा शक इंडियन मुजाहिदीन पर है। अपर पुलिस महानिदेशक [कानून-व्यवस्था] बृजलाल ने मीडिया को बताया कि घटना में आतंकी हाथ होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। प्रथम दृष्टया शक की सुई इंडियन मुजाहिदीन पर जा रही है।
उन्होंने बताया कि घटना के मद्देनजर पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिलों की पुलिस को सावधान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि फिलहाल घटना में किसी के मरने की खबर नहीं है। सात लोगों के घायल होने की बात सामने आई है। इसमें एक विदेशी भी है। घायलों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
दूसरी ओर मुख्यमंत्री मायावती ने प्रमुख सचिव गृह कुंवर फतेह बहादुर तथा डीजीपी करमवीर सिंह को तत्काल वाराणसी पहुंचने का निर्देश दिया है। शाम साढ़े सात बजे दोनों अधिकारी राजकीय विमान से वाराणसी के लिए चल पड़े। उनके साथ सहकारिता मंत्री व बसपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य भी हैं।
एडीजी ने बताया कि घटना की सूचना पाकर वाराणसी रेंज के आईजी व अन्य अधिकारी मौके पर तत्काल पहुंच गये और राहत व बचाव कार्य में लग गये। अभी तक प्राप्त प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक बम एक बैग में रखा गया था और विस्फोट टाइमर के जरिये किया गया। उन्होंने कहा कि बम में किस प्रकार के विस्फोटक का प्रयोग किया गया यह जांच के बाद ही पता चलेगा।