केएमवी की प्रिंसीपल का कत्ल (पहली ख़बर 6JANUARY 2008)

जालंधर में दिल दहला देने वाली वारदात
जालंधर में शनिवार देर रात हुई एक दिल दहला देने वाली वारदात में टांडा रोड स्थित कन्या महाविद्यालय (केएमवी) में अज्ञात हत्यारों ने प्रिंसीपल समेत चार लोगों की गला रेत कर हत्या कर दी। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर डा। ऋचा बावा, रसोइए किशोर मंडल, चौकीदार शम्सुद्दीन और तरसेम के शवों का पोस्टमार्टम करवाया। देर शाम डा। बावा और चौकीदार तरसेम का संस्कार कर दिया गया । पुलिस का मानना है कि ऋचा बावा के पास कोई सीक्रेट डॉक्यूमैंट अथवा सीडी या कुछ ऐसा था जो हत्यारों के खिलाफ था। हत्त्यारों ने किसी दस्तावेज या सीडी में कैद राज को दबाने के लिए हत्याएं की हैं। तेजधार हथियारों से लैस हत्यारों ने डा। बावा और तरसेम को गर्दन पर एक ही वार कर मौत के घाट उतार दिया। किशोर और शमसुद्दीन की गर्दन के अलावा चेहरों पर गहरे घाव के निशान मिले हैं। एक साजिश के तहत आए कातिलों ने कॉलेज में बने प्रिंसीपल के घर में रखे करीब तोले सोने के गहने और करीब सत्तर हजार रुपयों को छुआ तक नहीं। सुबह करीब साढ़े छह बजे सफाई कर्मचारी संतोष कॉलेज में बने प्रिंसीपल बावा के घर की सफाई करने गई थी। सामान बिखरा देख वह शोर मचाती बाहर आ गई । संतोष, प्रिंसीपल के ड्राइवर जयसिंह ने कोठी के पिछवाड़े किशोर मंडल, शम्सुद्दीन और तरसेम के खून से सने शव देखकर संस्कृत केएमवी कालेज की प्रिंसीपल निशा रानी भार्गव को सूचना दी। निशा और होस्टल वार्डन परमजीत कौर कमरे में गई तो मैडम का शव भी अंदर खून से सना हुआ पड़ा । ऐसा माना जा रहा कि डा। बावा की हत्या करने के बाद आरोपी घर से बाहर आए तो उनके हाथ खून से रंगे हुए थे। चौकीदार शम्सुद्दीन को आरोपियों ने घर के पिछवाड़े घेर कर मारा। शोर सुनकर रसोइया किशोर मंडल और तरसेम आए तो उन्हें भी ठिकाने लगा दिया गया । हालाकिं किशोर ने हत्यारों का मुकाबला करने की कोशिश की होगी , क्योकिं सब्जी काटने वाला चाकू उसकी लाश के पास पड़ा था। तरसेम की लाश पास ही दस फीट गहरे खड्ढे में पड़ी थी। शम्सुद्दीन के शव के पास खून से सना दस्ताना भी पड़ा था।हत्यारे सिर्फ मोबाइल ले गए ।प्रिंसीपल के घर से कातिल केवल उनका व्यक्तिगत मोबाइल फोन ही ले गए हैं, जबकि दूसरा घर में ही स्विच ऑफ था। पुलिस जांच कर रही है कि आखिर मोबाइल फोन में ऐसा क्या था, जो हत्यारे उसे साथ ले गए हैं। प्रिंसीपल के मोबाइल में ही उसके परिचितों के नंबर थे। शहर का एक रबड़ उधोगपतियों और कुछ अन्य रसूखदार लोग भी प्रिंसीपल के करीबी थे। पुलिस अधिकारी देर रात तक मोबाइल की एक माह की इनकमिंग और आउटगोइंग कॉल्स की लिस्ट खंगाल रहे थे। संभावना है कि जल्द ही इस लिस्ट की मदद से कत्ल की इस वारदात के सुराग मिल जाएगा ।
पुलिस को उलझा रहे ये सवाल
मैडम के मोबाइल में क्या था ?
किस चीज की तलाश में खंगाल मारा हत्यारों ने घर ?
मैडम के करीबी लोगों की नहीं होती थी रजिस्टर में एंट्री ?
रात में ही क्यों लगती थी चौकीदार शम्सुद्दीन की ड्यूटी ?
परिचित थे हत्यारे!
एसएसपी अर्पित शुक्ला ने बताया कि प्राथमिक जांच कहती है कि आरोपी प्रिंसीपल के परिचित थे। हत्या लूट के उद्देश्य से नहीं, बल्कि सोची-समझी साजिश के तहत की गई है। दिन में भी कॉलेज में जाने के लिए बाकायदा अनुमति लेनी पड़ती है। इसलिए तय है कि देर रात कॉलेज में आने वाले लोग प्रिंसीपल के परिचित ही रहे होंगे ।
खबरें बहुत हैं ....
आप पढ़े और पंजाब पुलिस को बताएं की माजरा क्या है
क्रमशा : -
महाबीर सेठ

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