हे राम ! रेत माफिया ने सतलुज किनारे बने गांधी धाम को भी नहीं छोड़ा


महाबीर सेठ, गांधी धाम (लुधियाना) 

सतलुज किनारे बने गांधी धाम के आस-पास रेत माफिया का कब्जा हो गया है। महात्मा गांधी की जिस जगह सतलुज में अस्थियां प्रवाहित की गई थीं, वहां अब रेत माफिया ने अपनी रेत से भरी गाडिय़ों को निकालने के लिए कच्चा रास्ता बना दिया है। इसकी शिकायत भी की गई है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी रेत माफिया के आगे मौन हैं।
जबकि हर साल 2 अक्टूबर को गांधी धाम में प्रार्थना सभा के लिए कई स्कूलों के बच्चे पहुंचते हैं। लुधियाना से जालंधर जाते हुए हाइवे पर लाडोवाल के नजदीक अस्थि विसर्जन स्थल पर गांधी धाम बनाया गया। लेकिन अब इसके आस-पास रेत माफिया के कारिंदों का कब्जा है। गांधी धाम से ही सटे बंधे को काट कर दरिया में अंदर जाने के लिए रास्ता बना दिया गया है। इसी रास्ते से रेत माफिया की रेत की गाडिय़ां निकल कर शहर पहुंचती हंै।
प्रशासन है खामोशत्न गांधी धाम के लिए लगातार संघर्ष कर रहे महात्मा गांधी पीस मिशन फिल्लौर के गुरविंदर सिंह अटवाल और बृज गोयल कहते हैं कि गांधी धाम पर रेत माफिया का कब्जा है। धाम को जो सड़क जाती है, उसी को आगे बढ़ा कर न केवल बांध तोड़ा गया, बल्कि दरिया के अंदर तक रास्ता बना दिया गया। यह वही जगह है जहां राष्ट्रपिता की अस्थियां विसर्जित की गईं थी। जिला प्रशासन के अधिकारी शिकायत के बाद भी खामोश हैं।
गेट गायब, हैंडपंप टूटा
महात्मा गांधी पीस मिशन ने अपने खर्चे पर धाम में हैंडपंप और गेट लगवाया था। जिसे रेत माफिया के कारिंदों ने अपना पनाहगार बना लिया। हैंडपंप तोड़ दिया और गेट उखाड़ दिए। इसकी शिकायत भी की गई, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है।

LinkWithin

Related Posts with Thumbnails