अन्नदाता कर रहे हैं आत्महत्या


राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आकंडों के अनुसार भारत भर में 2009 के दौरान 17368 किसानों ने आत्महत्या की है।किसानों के हालात बुरे हुए हैं, इस बात का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसानों की आत्महत्या की ये घटनाएँ, 2008 के मुकाबले 1172 ज़्यादा है। इससे पहले 2008 में 16196 किसानों ने आत्महत्या की थी।जिन राज्यों में किसानों की स्थिति सबसे ज़्यादा खराब है उनमें महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सबसे आगे हैं.किसानों की आत्महत्या की कुल घटनाओं में से 10765 यानी 62 प्रतिशत आत्महत्याएँ इन पाँच राज्यों में ही हुई है.

तमिलनाडु में हालात बदतर

इन पाँच राज्यों के अलावा सबसे बुरी ख़बर तमिलनाडु से है. वर्ष 2009 में यहाँ दोगुने किसानों ने आत्महत्या की. वर्ष 2008 में यहाँ 512 किसानों ने आत्महत्याएँ कीं जो वर्ष 2009 में 1060 पर जा पहुँची. पिछले दस वर्षों से किसान आत्महत्याओं के आंकड़ो में अव्वल रहने के लिए बदनाम महाराष्ट्र 2009 में भी सबसे आगे रहा, हालांकि यहाँ आत्महत्या की घटनाओं में कमी आई है. महाराष्ट्र में 2009 के दौरान 2872 किसानों ने आत्महत्या की जो कि 2008 के मुकाबले 930 कम है. इसके बाद कर्नाटक में सबसे ज़्यादा 2282 किसानों ने आत्महत्याएँ की. केन्द्रशासित प्रदेशों में पॉन्डिचेरी में सबसे ज्यादा 154 किसानों ने आत्महत्या की. पश्चिम बंगाल में 1054, राजस्थान में 851, उत्तर प्रदेश में 656, गुजरात में 588 और हरियाणा में 230 किसानों ने आत्महत्या की.

राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आकंडों के अनुसार 1997 से 2009 तक भारत में दो लाख 16 हज़ार 500 किसान आत्महत्या कर चुके हैं।कुल 28 राज्यों में से 18 राज्यों में किसान आत्महत्याओं की संख्या में इज़ाफा हुआ है।जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में किसान आत्महत्याओं में ना के बराबर इज़ाफ़ा हुआ है.

बनारस में ब्लास्ट...

मंगलवार की शाम साढ़े छह बजे गंगा आरती स्थल शीतला घाट जबरदस्त बम विस्फोट से दहल गया। इस बम विस्फोट में लगभग दो दर्जन लोग घायल हुए हैं, जबकि अस्पताल में उपचार के दौरान एक बच्ची की मौत हो गई। घायलों में आधा दर्जन विदेशी नागरिकों के होने की सूचना है। मंडलीय अस्पताल पहुंचे 13 घायलों में से इटली के एक नागरिक को गंभीर स्थिति में बीएचयू के सर सुंदरलाल अस्पताल रेफर कर दिया गया। विस्फोट तब हुआ जब गंगा आरती चल रही थी। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि घाट की रेलिंग और सीढि़यों के पत्थर तक उखड़ गये।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार विस्फोट आरती स्थल से लगभग 20 मीटर दूरी पर हुआ। उस दौरान आरती देखने के लिए मौके पर हजारों लोग जमा थे। विस्फोट की चपेट में आने से आधा दर्जन वहीं लहूलुहान होकर गिर पड़े, जबकि दो दर्जन लोगों को गहरी चोट आयी। घाट समेत आसपास के इलाकों में भगदड़ मच गयी।

प्रारंभिक जानकारी के अनुसार बम दूध के कंटेनर में रखा गया था। छह दिसंबर के अगले दिन हुए इस धमाके को पूर्व नियोजित माना जा रहा है। अयोध्या के विवादित ढांचा ध्वंस की बरसी का दिन सुकून से गुजरा था। पुलिस फोर्स थोड़ा बेफिक्र थी। इसका फायदा भी आतंकियों ने उठाया। पुलिस का अनुमान है कि बम को टाइमर सिस्टम से कंट्रोल किया गया था। इसमें आईईडी या आरडीएक्स के प्रयोग की संभावना को भी पुलिस खंगाल रही है। फिलहाल पूरे इलाके को अ‌र्द्ध सैनिक बलों के हवाले करने के बाद सील कर दिया गया है।

सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी मौके पहुंच गये। घायलों में इटली निवासी 52 वर्षीय मनतरली व सुल्तानपुर निवासी जरायू को कबीरचौरा स्थित मंडलीय अस्पताल पहुंचाया गया। शेष घायलों को विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया। इनमें टेढ़ी नीम निवासी एक वर्षीय बच्ची बेबी भी शामिल थी। उसकी नानी उसे लेकर गंगा आरती देखने गयी थी। इसी दौरान विस्फोट की जद में आकर बेबी घायल हो गयी। उपचार के लिए उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। उसकी 45 वर्षीय नानी उर्मिला भी गंभीर रूप से घायल है।

इस संबंध में सूचनाओं की जानकारी के लिए प्रशासनिक हेल्पलाइन नंबर है 05422502626, 0542100।

उधर, प्रतिबंधित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन ने विभिन्न मीडिया प्रतिष्ठानों को ईमेल भेजकर वाराणसी बम विस्फोट की जिम्मेदारी ली। यह ईमेल मुंबई के मलाड से भेजा गया।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पांच पृष्ठ के इस ई-मेल पर अल अरबी के हस्ताक्षर हैं जिसका इंटरनेट प्रोटोकाल पता मुंबई के उपनगरीय इलाके मलाड में निकला और पुलिस की टीमें तत्काल वहां पहुंचीं। इंडियन मुजाहिदीन के आतंकी विस्फोटों के चंद मिनट के भीतर ई-मेल भेजने के लिए वाईफाई के कनेक्शनों का इस्तेमाल कर रहे हैं।

गृहमंत्री ने कहा कि वाराणसी विस्फोट की जिम्मेदारी लेने के लिए इंडियन मुजाहिदीन द्वारा कथित तौर पर भेजे गए ईमेल की विश्वसनीयता की जांच की जा रही है। चिदंबरम ने कहा, वाराणसी में विस्फोट भटके हुए समूह द्वारा शांति और भाईचारे को बाधित करने की कोशिश है।

यह आतंकी हमला है : एडीजी

यूपी पुलिस को वाराणसी में हुए बम धमाके के पीछे आतंकवादियों का हाथ होने का संदेह है। सबसे ज्यादा शक इंडियन मुजाहिदीन पर है। अपर पुलिस महानिदेशक [कानून-व्यवस्था] बृजलाल ने मीडिया को बताया कि घटना में आतंकी हाथ होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। प्रथम दृष्टया शक की सुई इंडियन मुजाहिदीन पर जा रही है।

उन्होंने बताया कि घटना के मद्देनजर पूरे प्रदेश में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। जिलों की पुलिस को सावधान किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि फिलहाल घटना में किसी के मरने की खबर नहीं है। सात लोगों के घायल होने की बात सामने आई है। इसमें एक विदेशी भी है। घायलों को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।

दूसरी ओर मुख्यमंत्री मायावती ने प्रमुख सचिव गृह कुंवर फतेह बहादुर तथा डीजीपी करमवीर सिंह को तत्काल वाराणसी पहुंचने का निर्देश दिया है। शाम साढ़े सात बजे दोनों अधिकारी राजकीय विमान से वाराणसी के लिए चल पड़े। उनके साथ सहकारिता मंत्री व बसपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य भी हैं।

एडीजी ने बताया कि घटना की सूचना पाकर वाराणसी रेंज के आईजी व अन्य अधिकारी मौके पर तत्काल पहुंच गये और राहत व बचाव कार्य में लग गये। अभी तक प्राप्त प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक बम एक बैग में रखा गया था और विस्फोट टाइमर के जरिये किया गया। उन्होंने कहा कि बम में किस प्रकार के विस्फोटक का प्रयोग किया गया यह जांच के बाद ही पता चलेगा।

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