कोई राज अब राज नहीं रहेगा। हर चीज बेपर्दा होगी। तकनीक घरों में जासूसी करने वाली है। घर के भीतर आप क्या कर रहे हैं, चौबीसों घंटे देखा जा सकेगा और आपको पता भी नहीं चलेगा। एक-दूसरे से आगे निकलने की होड़ में गूगल और एपल हद पार करने जा रहे हैं। इन दोनों अमेरिकी कंपनियों ने घरों के अंदर झांकने की तैयारी कर ली है।
3डी तस्वीरें लेने के लिए गूगल ने शहरों में अपने विमान छोड़ दिए हैं। इसी तरह एपल ने 'जासूसी' के लिए एक फर्म का अधिग्रहण किया है। यह कंपनी 'स्पाय-इन-द-स्काय' [आकाश में जासूसी] टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने के लिए मशहूर है। पहले ही इसके जरिये 20 ठिकानों का परीक्षण कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि एपल के कैमरे इतने शक्तिशाली हैं कि कई हजार फीट की दूरी से घरों की खिड़कियों के अंदर देख सकते हैं।
'डेली मेल' की रिपोर्ट की मानें तो यह अफगानिस्तान में आतंकी ठिकानों की पहचान के लिए इस्तेमाल की जा रही तकनीक से काफी मिलती-जुलती है। सेटेलाइट की मदद से गूगल अर्थ इमेज पर ठिकानों के मैप दिखाता है। वह भी इसमें अभूतपूर्व ढंग से सुधार करने में जुट गया है। उसके विशेष विमान चप्पे-चप्पे की 3डी तस्वीरें उतारने के लिए आसमान में मंडरा रहे हैं।
इन दिग्गज अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनियों की इस मुहिम पर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है। उन्हें लोगों की गोपनीयता खत्म होने का डर सता रहा है। उनका कहना है कि अब घरों में खुलकर रहना भी दुश्वार होने वाला है। लोगों में यह डर बना रहेगा कि एपल और गूगल उनकी तस्वीरें तो नहीं ले रहे। कंपनियों के विमान अत्याधुनिक कैमरों से लैस हैं। ये 1,600 फीट की ऊंचाई से हर संभव एंगल से तस्वीरें लेने में सक्षम हैं। विशेषज्ञों का सुझाव है कि इससे पहले कि लोगों के घर दुनिया भर के सामने आ जाएं, उनकी इजाजत लेना जरूरी है।