हे प्रभु, बीवी दिलवा दो ...

एक भक्तगण गया हनुमान जी के मदिंर
रोते चिल्लाते उसने जब प्रवेश किया अंदर
बोला भक्त प्रभु से, हे मालिक मेरी भी नैया पार करो
इस बदनसीब अभागे पर अब तो कुछ उपकार करो
अब हमारी गली में नहीं रहा नहीं है कोई कुंवारा
मैं आया तेरी शरण में जो बच गया बेचारा
हे प्रभु, करवा दो मेरी भी एक बार शादी
फिर चाहे टेरीकाट की जगह पहनना पड़े मुझको खादी
बोले प्रभु, अजीब है इस दुनिया का यह चक्कर
अरे आया था तुझसे भी पहले अभी एक घनचक्कर
बोला था प्रभु, मेरी नैया पार करवा दो
मुझको या फिर मेरी बीवी को ही मरवा दो
सुना शादी से वह इतना तंग हो रहा
अरे फिर तू क्यूं शादी के लिए इतना रो रहा
हे प्रभु, मारो गोली उसको मेरा तो काम बना दो
और न सही तो, उसकी ही बीवी मुझको दिलवा दो
हे प्रभु, एक बार यह कर दो मेरी पूरी आस
शादी के इंतजार में चेहरे पर उग आई है घास
हाल जानकर उसका 'महाबीर' की आंखे भर आईं
रखकर सिर पर हाथ उन्होंने अपने दिल की बात बताई
सुन रे भक्त, मै तुझको सारी बात समझाता हूं
पहले अपनी करवा लूं, फिर तेरी करवाता हूं.......

1 comment:

परमजीत सिहँ बाली said...

आप सभी को गाँधी जी शास्त्री जी व ईद की बहुत बहुत बधाई।

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