भोपाल नहीं, देश की सबसे बड़ी त्रासदी है


देश की सबसे बड़ी भोपाल गैस त्रासदी का एक और कड़वा सच सामने आया है। भोपाल के तत्कालीन डीएम मोती लाल सिंह ने खुलासा किया है कि सूबे की सरकार ने गैस त्रासदी के मुख्य आरोपी एंडरस को बचाने का पूरा प्रयास किया था। श्री सिंह ने कहा कि 7 दिसंबर 1984 की सुबह एंडरसन भोपाल आया था लेकिन उसी शाम को राज्य सरकार के भारी दबाव के चलते उसे चार्टर्ड प्लेन से वापस दिल्ली भेज दिया गया। सरकारें जनता की नहीं बल्कि धनवानों की जेब में हैं। यह हमेशा से होता रहा है की सरकार पूंजीपतियों से चंदा लेकर आम मजलूमों को भूल जाती है।

मोती लाल सिंह ने कहा कि उस समय राज्य के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह और राज्य के मुख्य सचिव ब्रम्ह स्वरूप थे, जिनके दिशा निर्देश पर एंडरसन को पकड़कर छोड़ दिया गया और सही सलामत दिल्ली भेजा गया। उन्होंने राज्य सरकार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि 7 दिसंबर को एंडरसन को पकड़कर विमान से भोपाल लाया गया था लेकिन उस दिन सचिव ब्रम्ह स्वरूप ने अपने कमरे में हमें बुलाकर यह निर्देश दिया कि एंडरसन को सही सलामत वापस भेजना है, उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। सचिव ने कहा कि एंडरसन को भोपाल एयरपोर्ट से ही वापस भेजना है, जिसके बाद एक चार्टर्ड विमान की व्यवस्था करके उसे दिल्ली भेज दिया गया।

उन्होंने कहा कि एंडरसन प्रभावित क्षेत्र को देखना चाहते थे और पीड़ितों से मिलने के लिए वे काफी परेशान थे। वे बार-बार हमसे पूछ रहे थे कि यह हादसा कैसे हो गया। हमने उन्हें सारी बातें विस्तार से बताईं और कहा कि अब आप जल्द से जल्द भोपाल छोड़ दें और दोबारा यहां आने की कोशिश न कीजिएगा।

2 comments:

दिलीप said...

jaane gareeb ki zindagi ki keemat hai bhi ya nahi...

honesty project democracy said...

भोपाल नहीं, देश की सबसे बड़ी
न्यायिक त्रासदी, बेशर्म है हमारे देश की कांग्रेस सरकार

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