नेताजी सुभाष चंद बोस को नमन


भारत की आजादी की लड़ाई के सबसे महान नायकों में से एक नेताजी सुभाष चंद बोस का जन्म 1897 में आज ही के दिन हुआ था। जहां एक तरफ कांग्रेस टुकड़ों में आजादी पाने की बात करती थी, वहीं नेता जी जल्दी से जल्दी पूर्ण स्वतंत्रता के पक्षधर थे। उन्हें लगता था कि गांधी जी के अहिंसा सिद्धांत से आजादी नहीं मिल सकती।

दूसरे विश्व युद्ध में उन्होंने ब्रिटेन और दूसरी पश्चिमी ताकतों के खिलाफ इंडियन नैशनल आर्मी का नेतृत्व किया। वह दो बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे, लेकिन गांधी जी से मतभेद के चलते उन्होंने अपना पद छोड़ दिया। माना जाता है कि 1945 में उनका देहांत हो गया।
- तुम मुझे मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। - अगर दुनिया में सबसे बड़ा कोई अपराध है तो वह है अन्याय और गलत चीजों के साथ समझौता करना। - सच्चा सिपाही वह है जिसे मिलिट्री के साथ-साथ स्प्रिचुअल ट्रेनिंग भी दी गई हो। - हो सकता है कि किसी विचार की खातिर किसी की जान चली जाए, लेकिन उसकी मौत के बाद उसका वही विचार हजारों दूसरे लोगों के दिलों में पैदा होगा। विचार और सपने एक जगह से दूसरी जगह और एक देश से दूसरे देश इसी तरह फैलते हैं।
- आजादी दी नहीं जाती, आजादी छीनी जाती है। - इतिहास गवाह है, दुनिया में कोई बड़ा बदलाव सिर्फ बातचीत से कभी नहीं आया। - आज हमारी एक इच्छा जरूर होनी चाहिए। इच्छा मरने की, ताकि भारत जी सके। हमारे अंदर ताकत होनी चाहिए एक शहीद की मौत का सामना करने की, ताकि उसके खून से आजादी की कहानी लिखी जा सके।

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