अमीर बनाम गरीब भारत

मुंबई स्थित मुकेश अंबानी के करीब 1 अरब डॉलर कीमत वाले चर्चित घर एंतिला पर टाटा ने आश्चर्य जताया।उन्होंने कहा कि आखिर मुकेश अंबानी इतने महंगे घर में क्यों रहना चाहते हैं। टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा ने लंदन स्थित समाचार पत्र टाइम्स को दिए साक्षात्कार में कहा, 'यह देखकर मुझे बड़ा आश्चर्य होता है कि कोई ऐसा क्यों करेगा (घर पर इतना पैसा क्यों खर्च करेगा)।

ऐसे ही कारणों से क्रांतियां होती हैं। जो लोग उस घर में रह रहे हैं उनको अपने आसपास देखना चाहिए और देखना चाहिए कि क्या वह कुछ अलग कर सकता है। यदि वह ऐसा नहीं कर सकता है तो यह काफी दुखद है क्योंकि भारत को ऐसे लोगों की जरूरत है जो अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा लोगों की कठिनाइयां दूर करने के लिए दे सकें।'ब्रिटेन की स्टील कंपनी कोरस और कार निर्माता कंपनी जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) को खरीदने वाले रतन टाटा ने कहा कि भारत में अमीर और गरीब के बीच बढ़ती खाई से वह बहुत चिंतित हैं।

उन्होंने कहा कि हम इस आर्थिक असमानता को कम करने के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं। अमीर शायद चाहते ही यही हैं कि गरीबी बनी रहे। हालांकि टाटा समूह ने अपने चेयरमैन के बयान का गलत अर्थ निकालने की बात कहकर अपना बचाव किया है।
भारत का एक बार से विभाजन हो रहा है, अमीर लोगों का भारत अलग बन रहा है। और गरीब भारत अलग। किसी के पास सिर छुपाने के लिए जगह नहीं है, तो अम्बानी जैसे लोग एक अरब डालर के बंगले में रहते हैं। एक डालर में पचास रुपये होता है। हमारी गणित थोड़ी कमजोर है। हम हिसाब में समय ख़राब नहीं करना चाहते हैं।
अम्बानी और टाटा दोनों माहिर हैं, अकूत संपत्ति के मालिक हैं। इन्हें देश के विभाजन को बचाने के बारे में सोचना होगा।

1 comment:

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

बहुत सारगर्भित आलेख!
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वर्डवेरीफिकेशन हटा दीजिए, इससे कमेंट करने में अनावश्यक समय नष्ट हो जाता है!

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